
8th Pay Commission News: केंद्र सरकार ने बजट 2025 से पहले सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि इससे पहले 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) साल 2016 में लागू हुआ था, जिसमें कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में शानदार बढ़ोतरी हुई थी। अब 8वें वेतन आयोग की घोषणा से एक बार फिर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़ा उछाल होने की उम्मीद है।
8वें वेतन आयोग से लाभान्वित होंगे लाखों कर्मचारी
गुरुवार को कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी गई है। यह फैसला 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। 8वां वेतन आयोग 2026 में लागू हो सकता है, क्योंकि वर्तमान 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है। अब सवाल यह उठता है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सैलरी और पेंशन में कितना इजाफा हो सकता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
8वें वेतन आयोग से तीन गुना हो जायेगी सैलरी
आने वाले 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है। यह बदलाव कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी ला सकता है। उदाहरण के लिए यदि मौजूदा मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 किया जाता है, तो सैलरी बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है। इसी प्रकार, पेंशनर्स के लिए न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक हो सकती है।
7वें वेतन आयोग में कितना हुआ था इजाफा?
साल 2016 में 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 7000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी। 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को 2.57 निर्धारित किया गया था, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स की बेसिक सैलरी में 2.57 गुना बढ़ोतरी हुई। इसके मुकाबले, 6वें वेतन आयोग में यह फैक्टर केवल 1.86 था।
वेतन आयोग की सिफारिशें कैसे काम करती हैं?
वेतन आयोग सरकार को केंद्रीय कर्मचारियों, अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services), केंद्र शासित प्रदेशों, इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स विभाग, सुप्रीम कोर्ट, डिफेंस फोर्सेज और रेग्यूलेटरी अथॉरिटीज से जुड़े कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बदलाव के लिए अपनी सिफारिशें देता है। यह आयोग इन कर्मचारियों की मौजूदा जरूरतों और खर्चों को ध्यान में रखते हुए सरकार को बदलाव के सुझाव देता है।
कैसे तय होती है सैलरी और पेंशन?
कर्मचारियों की सैलरी और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन को फिटमेंट फैक्टर के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है। हर वेतन आयोग के साथ फिटमेंट फैक्टर में बदलाव किया जाता है। यह मौजूदा बेसिक सैलरी को निर्धारित फैक्टर से गुणा कर सैलरी बढ़ोतरी तय करता है। इसी प्रक्रिया के तहत पेंशनर्स की मासिक पेंशन में इजाफा किया जाता है।
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