
Gold Price Today: डॉलर में मजबूती के बावजूद, इस हफ्ते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई। शुक्रवार को एमसीएक्स एक्सचेंज (MCX Exchange) पर सोने का वायदा भाव 79,019 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इस हफ्ते सोने की कीमत में 0.80 प्रतिशत की तेजी आई। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमेक्स पर सोने का भाव 2,748.70 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जबकि गोल्ड स्पॉट 2,701.55 डॉलर प्रति औंस पर रहा। वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दिल्ली में सोने का हाजिर भाव
दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने की कीमत (Gold Price Today) 700 रुपये बढ़कर 82,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गई। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 81,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोर रुख के बावजूद घरेलू बाजार में आभूषण विक्रेताओं की बढ़ती मांग के कारण कीमतों में यह तेजी आई।
चांदी के दाम में गिरावट
जहां एक ओर सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई, वहीं चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को एमसीएक्स पर 5 मार्च 2025 की डिलीवरी वाली चांदी 0.11 प्रतिशत या 98 रुपये गिरकर 91,504 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। घरेलू बाजार में चांदी का हाजिर भाव 500 रुपये घटकर 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम रहा।
वैश्विक बाजार में सोने-चांदी के भाव
वैश्विक स्तर पर सोने और चांदी की कीमतों में भी हलचल देखने को मिली। कॉमेक्स पर सोना वायदा 21.10 डॉलर घटकर 2,729.80 डॉलर प्रति औंस रह गया। कोटक सिक्योरिटीज की सहायक उपाध्यक्ष (कमोडिटी रिसर्च) कायनात चैनवाला के अनुसार, “अमेरिका में आवास और औद्योगिक उत्पादन से जुड़े आंकड़े आने से पहले सोना 2,750 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गया।” वहीं, कॉमेक्स चांदी वायदा एशियाई बाजार में 1.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31.26 डॉलर प्रति औंस पर दर्ज की गई।
सोने-चांदी की कीमतों के बढ़ने के कारण
सोने और चांदी की कीमतों में बदलाव के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारक जिम्मेदार होते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- ग्लोबल डिमांड और सप्लाई: विश्वभर में कीमती धातुओं की मांग और उपलब्धता कीमतों पर सीधा असर डालती है।
- मुद्रा विनिमय दर (Currency Exchange Rate): डॉलर या अन्य मुद्राओं में उतार-चढ़ाव सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित करता है।
- ब्याज दर (Interest Rate): केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बदलाव इन धातुओं की कीमतों में वृद्धि या गिरावट ला सकता है।
- सरकारी नीतियां: आयात-निर्यात पर लगने वाले टैक्स और सब्सिडी भी कीमतों को प्रभावित करते हैं।
- वैश्विक घटनाएं (Global Events): जैसे- आर्थिक संकट, युद्ध, या अन्य बड़े राजनीतिक फैसले इन धातुओं की मांग को बढ़ा सकते हैं।
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