अब फ्रॉड नंबर का फट से लगेगा पता, RBI ने जारी किए सख्त नियम

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RBI: वित्तीय धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक अहम फैसला लिया है। शुक्रवार को RBI ने बैंकों को निर्देश दिया कि ग्राहक लेनदेन के उद्देश्य से कॉल करने के लिए केवल ‘1600xx’ नंबर शृंखला का ही उपयोग करें। साथ ही, प्रचार संबंधी कॉल के लिए ‘140xx’ नंबर शृंखला का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। यह कदम ग्राहकों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए उठाया गया है।

वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक लगाने के प्रयास

आरबीआई ने वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से फोन कॉल और SMS के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा और निगरानी पर खास जोर दिया गया है। डिजिटल लेनदेन के बढ़ते उपयोग ने सुविधाएं तो दी हैं, लेकिन इसके साथ ही धोखाधड़ी के मामलों में भी तेजी आई है। RBI ने इस मामले को गंभीरता लेते हुए बैंकों और अन्य संस्थाओं को ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

ग्राहकों के मोबाइल नंबर की सुरक्षा पर जोर

आज के डिजिटल युग में ग्राहक का मोबाइल नंबर एक महत्वपूर्ण पहचान बन गया है। यह ओटीपी, लेनदेन अलर्ट और खाता अपडेट जैसी कई संवेदनशील प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, मोबाइल नंबर के दुरुपयोग के खतरे भी बढ़ गए हैं। जालसाज इस पहचान का इस्तेमाल करके विभिन्न ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम दे सकते हैं।
RBI ने इस समस्या से निपटने के लिए बैंकों को निर्देश दिया है कि वे लेनदेन और सेवा संबंधी कॉल केवल ‘1600xx’ नंबर शृंखला से ही करें। वहीं, प्रचारात्मक कॉल के लिए ‘140xx’ नंबर शृंखला का ही उपयोग सुनिश्चित करें।

महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य

RBI ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा वॉयस कॉल और SMS के लिए जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है। इसके तहत, बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को अपने ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा, बैंकों और अन्य संस्थानों को अपने ग्राहकों के डेटा की नियमित निगरानी करने और अनधिकृत नंबरों को हटाने के लिए डिजिटल आसूचना मंच (DIP) का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

धोखाधड़ी रोकने की दिशा में प्रभावी कदम

डिजिटल लेनदेन ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ा है। RBI के ये नए दिशा-निर्देश न केवल बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अधिक जिम्मेदार बनाएंगे, बल्कि ग्राहकों के डेटा को सुरक्षित रखने और धोखाधड़ी के मामलों को कम करने में भी सहायक साबित होंगे। आरबीआई का यह कदम वित्तीय धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए बहुत जरूरी है।

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